Saruli Lyrics with Hindi Meaning - Pritam Bharatwan

Saruli Lyrics with Hindi Meaning - Pritam Bharatwan


Saruli Lyrics with Hindi Meaning - Pritam Bharatwan 

अहा! सरुली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौंत्याली मुखडी मा
अहा अकबक सी रेग्यो...
पौंछी तेरा कुमोगढ़ मा

हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरी नो सूर्या मुरूली मा
अहा आंखी अटकलि दिन तुवे 
कन्दुडी लगी रेंदी बसूलि मा

हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरी नो सुर्य मुरूली मा

अहा! स्वाणु तेरी चौंठी कु तिल
हेंसदी गलड़यों मा दिखेंदु पिल 
तेरी आंखी घेल कै जांदी 
गिची चुप रे बि छुई लगान्दी.
मुखडी मा... हो मुखड़ी मा झपाक मारि दयो
मरी जों मिट जो पतूली वन्ठुरियो मा... 

अहा! सरुली मेरु जिया लगी गे...

हो मेन सोची त्वे बुलेयी/भटेई द्योऊ
ओ दुर धारू ल कुमोल्यो ऊ
बसुली मा जब गितार यनु च
देखा त से तब अफू कनु च
कनु होलू... हो कख होलू बिचारु
कखी दूर यकुली ब्यकुली मा

हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे...

ओ मेन हिवेली डाडू छोड्याली
तेरी डेली सिरोंणु धेर्याली 
अब त कुछ न कुछ कन ही पडालो
माया लेली त तभी बचोलू
जो मेरी... अजो मेरी इखरी माया च
तेरी जिया सी दांतड्यू मा 


सरुली मेरु जिया लगी गे... 

ओ डांडियों बासुल्यो का दिन ऐना
ओ इनी फूलो पे खुदेना मेना 
ग्वेर छोरोवो का घसेरियो का गीत
इन में कनकवी की कोई न करी प्रीत
ओ त्वे बिगर .. ओ त्वे बिगर अधूरी छो. .. 
जनि रालि न हो घंधुली मा. 
सुम्याल मेरु जिया लगी गे .. तेरी नोसुर्य मुरूली मा ..

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