हिंदी व्याकरण में आपने कारक और कारक के विभक्ति चिन्ह जरुर पढ़ा होगा... इस Lesson में आप सीखेंगे कि ने, में, से, का, के, की, को आदि का गढ़वाली बोलचाल में कैसे प्रयोग किया जाता है...
#1 गढ़वाली में ‘ने’ का प्रयोग...
गढ़वाली में ‘ने’ के स्थान पर ‘न’ का प्रयोग होता है और इसका उच्चारण कर्ता के साथ ही किया जाता है
राम ने आम खाया
रामन आम खायि
सीता ने आम खाया
सीतन आम खायि
हमने सीखा : राम ने = रामन, सीता ने = सीतन
#2 गढ़वाली में ‘को’ का प्रयोग...
गढ़वाली में ‘को’ के स्थान पर ‘ते’ का प्रयोग होता है
राम ने रावण को मारा
रामन रावण ते मारि
राम ने धनुष को तोडा
रामन धनुष ते त्वोडि
हमने सीखा : रावण को = रावण ते, धनुष को = धनुष ते
#3 गढ़वाली में ‘से’ का प्रयोग...
गढ़वाली में ‘से’ का प्रयोग निम्न प्रकार से किया जाता है…
से = न (माध्यम), से = बिटिन (अलग होने में), से = से
राम ने रावण को बाण से मारा
रामन रावण ते बाणन मारि
मैं उत्तराखण्ड से हूँ
मैं उत्तराखण्ड बिटि छूं
आने से = औंण से
जाने से = जाण से
हमने सीखा : बाण से = बाणन, उत्तराखंड से = उत्तराखंड बिटि, आने से = औंण से
#4 गढ़वाली में ‘में’ का प्रयोग...
गढ़वाली में ‘में’ के स्थान पर ‘मा’ का प्रयोग किया जाता है
किताब मेज में है
किताब मेज मा चि
पानी फ्रिज में है
पाणी फ्रीज मा चि
हमने सीखा : मेज में = मेज मा, फ्रिज से = फ्रिज मा
#5 गढ़वाली में ‘का’ का प्रयोग...
1. यदि वाक्य में ‘का’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ की मात्रा हो तो उस शब्द में ‘ओ’ जोड़ देते हैं...
2. यदि वाक्य में ‘का’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ के अलावा कोई अन्य मात्रा हो तो ‘का’ के स्थान पर ‘कु’ का प्रयोग होगा…
यह विकास का मोबाइल है
यु विकासो मोबाइल चि (informal)
यह पूजा का मोबाइल है
यु पूजो मोबाइल चि (informal)
यह आरती का मोबाइल है
यु आरती कु मोबाइल चि
हमने सीखा : विकास का = विकासो, पूजा का = पूजो, आरती का = आरती कु
#6 गढ़वाली में ‘के’ का प्रयोग...
1. यदि वाक्य में ‘के’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ की मात्रा हो तो उस शब्द में ‘आ’ जोड़ देते हैं...
2. यदि वाक्य में ‘के’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ के अलावा कोई अन्य मात्रा हो तो ‘के’ के स्थान पर ‘का’ का प्रयोग होगा…
ये विकास के दोस्त हैं
यि बिकासा दगडिया छिन (informal)
ये पूजा के दोस्त हैं
यि पूजा दगडिया छिन (informal)
ये आरती के दोस्त हैं
यि आरती का दगडिया छिन
हमने सीखा : विकास के = विकासा, पूजा के = पूजा, आरती के = आरती का
#7 गढ़वाली में ‘की’ का प्रयोग...
1. यदि वाक्य में ‘की’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ की मात्रा हो तो उस शब्द में ‘ए’ जोड़ देते हैं...
2. यदि वाक्य में ‘की’ से पहले वाले शब्द के अंत में ‘अ’ या ‘आ’ के अलावा कोई अन्य मात्रा हो तो ‘की’ के स्थान पर ‘की’ ही प्रयोग होगा…
यह विकास की पेन है
या विकासे प्यन चि (informal)
यह पूजा की पेन है
या पूजे प्यन चि (informal)
यह आरती की पेन है
या आरती की प्यन चि
हमने सीखा : विकास की = विकासे, पूजा की = पूजे, आरती की = आरती की
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