गढ़वाली में अभिवादन करने को बोलते हैं स्यवा लगाना और गढ़वाली में सेमन्या बोलकर अभिवादन किया जाता है.. इसका शाब्दिक अर्थ होता है "मेरी सेवा मान्या" अर्थात "जो आदर मैं आपको दे रहा हूँ उसे स्वीकार करें" वर्तमान में यह शब्द चलन में बहुत कम है... गढ़वाली में स्यवा लगाने का सबसे आम तरीका हाथ जोड़कर प्रणाम करना या फिर चरण-स्पर्श करके प्रणाम करना है...
किसी से पहली बार मिलने पर
जब भी हम किसी से पहली बार मिलते हैं तो प्रणाम बोलकर उनका अभिवादन करते हैं* प्रणाम शब्द से पहले सामने वाले व्यक्ति (जिसे आप प्रणाम कर रहे हैं) के साथ जो भी आपका सम्बन्ध है उस सम्बन्ध का नाम बोला जाता है... जैसे- “भैजी प्रणाम”, “चच्चा जी प्रणाम”* अब इसमें जो प्रतिक्रिया मिलेगी उसमें प्रणाम शब्द पहले आएगा और सम्बन्ध बाद में आएगा*
इस उदाहरण से समझिये…
अभिवादन जवाब
भैजी प्रणाम / सेमन्या प्रणाम / सेमन्या भुला
चाचा जी प्रणाम / सेमन्या प्रणाम / सेमन्या ब्यटा या चिरंजीवी रहो
उठते, सोते समय
हिंदी और अंग्रेजी की तरह गढ़वाली में उठते, सोते समय के लिए कोई अभिवादन नहीं है.... उठते, सोते समय गढ़वाली कुछ इस तरह से बोला जाता है...
गढ़वाली हिन्दी अर्थ
उठी उठ गया / उठ गयी (informal)
उठ्याँ उठ गये (formal)
स्ये जा सो जा (informal)
स्ये जावा सो जाइये (formal)
बिदाई के समय
विदाई के समय के अभिवादन को गढ़वाली में रम्मा-रूमि करना बोलते हैं... गढ़वाल में जब आप कहीं से विदा लेते हैं तो लोग आपको घर से कुछ दूरी तक छोड़ने आते हैं... इस समय कुछ आम इस्तेमाल होने वाले वाक्य निम्न प्रकार से हैं...
गढ़वाली हिंदी
अच्छी बात तब अच्छा
अच्छा मैं चल्दु छों अच्छा मैं चलता हूँ
फ्येर मिल्ला तब फिर मिलेंगे बाद में
ये तो हुए वो शब्द जो बिदा लेने वाला बोलता है....
अब जिन लोगों से आप बिदा ले रहे हैं वो लोग कुछ इस प्रकार से बोलते हैं....
गढ़वाली हिंदी अर्थ
पांजा पर जे वा ढंग से जाना (informal)
पांजा पर जया वा ढंग से जाना (formal)
फ्येर ऐ वा फिर आना (informal)
फ्येर आयां वा फिर आना (formal)
उम्मीद है आपको जरुर कुछ सीखने को मिला होगा इस पोस्ट से.... कमेन्ट करके आप भी कोशिश कीजिये गढ़वाली में अभिवादन करने की....
1 Comments
nice bhijee
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