Learn Garhwali - Garhwali Saying (गढ़वाली कहावतें)
- जय द्यो जगदीश, वेसे क्या रीस
- कौजाला पाणी मा छाया नि आन्दी ।
- अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
- बड़ी पुज्यायी का भी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का भी चार भांडा ।
- अपड़ा गोरुं का पैणा सींग भी भला लगदां ।
- कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
- जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु
- ना गोरी भली ना स्वाली ।
- राजौं का घौर मोतियुं कु अकाल ।
- भैंसा का घिच्चा फ्योली कु फूल ।
- सब दिन चंगु, त्योहार कु दिन नंगु ।
- त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
- कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल
- सारी ढेबरी मुंडी मांडी, अर पुछ्ड़ी दाँ न्याउँ (म्याउँ) ।
- हाथा की त्येरी, तवा की म्यरी ।
- लेजान्दी दाँ हौल, देन्दी दाँ लाखड़ु ।
- कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
- जन मेरी गौड़ी रमाण च, तन दुधार भी होन्दी ।
- बुडीड पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
- हैंका लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
- बाखुरी कु ज्यू भी नि जाऊ, बाग भी भुकु नि राऊ ।
- लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
- जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
- लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।
- जख सोणु च तख नाक नि च, जख नाक च तख सोणु नि च ।
- जाणदु नि च बिछी कु मंत्र, साँपे दुली डाल्दु हाथ ।
- तू ठगानी कु ठग, मी जाति कु ठग ।
- लूण त्येरी व्वेन नी धोली,आंखा मीकु तकणा।
- भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै ।
- अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
- बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
- पैली खयाली छारु(खारु), फ़िर भाडा पोछणी ।
- ब्वारी खति ना... , सासु मिठौण लग्युं... ।
- खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा ।
- (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
- खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
- बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै।
- भग्यानो भै काल़ो, अभाग्यू नौनू काल़ो।
- नोनियाल की लाईं आग , जनाना को देखुयुँ बाघ |
- जै बौ पर जादा सारू छौ वे भैजी भैजी बुन्नी |
- म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पता ख़ूब सकुदु
- ब्वे कु दूध पिक तै नि हुवे, त अब बुबा कु घुंडा चुसिक होन्दु ।
- बान्दर का मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
- मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू,तु मेरा गौं औलू क्या ल्यालु ।
- भेल़ लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
- ढेबरि मरिगे, गू खलैगे।
- नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
- भैर तालु, और भितर बिरालु ।
- ब्वारी बुबा लाई बल अर ब्वारी बुबन खाई ।
- जु पदणु गीजि जालो, उ हगणु केकु जाल ।

3 Comments
inme se aapne kitni KAHAWATE suni huyi hain..... !!!!
ReplyDeleteBahut badiya
ReplyDeleteHindi me translate krna plz...
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