Tumari Maya Ma - Narendra Singh Negi - Lyrics Garhwali-Hindi-English

 

Tumari Maya Ma - Garhwali Song Narendra Singh Negi

Tumari Maya Ma - Narendra Singh Negi - Lyrics

Garhwali / Hindi / English

तुमारी माया मा

तुम्हारे प्रेम में (in your love)


रूआं धुंआ सी फुळ्ये ग्यों, तुमारी माया मा
तुमारी माया मा, तुमारी माया मा

तुम्हारे प्रेम में रुई और धुएं के की तरह फैल गया हूँ,
तुम्हारे प्रेम में, तुम्हारे प्रेम में


***
छारू माटू सी छोळ्ये ग्यों, तुमारी माया मा
तुमारी माया मा, तुमारी माया मा

तुम्हारे प्रेम में राख और मिट्टी की तरह घुल गयी हूँ,
तुम्हारे प्रेम में, तुम्हारे प्रेम में


***
रूड़्या गाड खाळ सी, सदानि रीति रों सुक्खिं
आज भाण्डि सी भोर्ये ग्यों, तुमारी माया मा

प्रेम के अभाव में गर्मियों की नदी, तालाब जैसे हमेशा खाली सूखी ही रही हूँ,
आज बर्तन के समान भर गयी हूँ, तुम्हारे प्रेम में


***
छोड़ा-छंछड़ा माया का, दिखिनि दूरू दूरू बिटी
आज छक्वे छपतोले ग्यौं, तुमारी माया मा
तुमारी माया मा, तुमारी माया मा

आजतक प्रेम के झरने सिर्फ दूर दू से ही देखें हैं
तुम्हारे प्रेम रुपी झरने में आज जी भर के भीग गया हूँ


***
टक्क जूनी फर नी ग्ये, मुख अगास कबी नि कै
ब्याळि गैणा गीणि ग्यों मैं, तुमारी माया मा

चाँद पर ध्यान ही नहीं गया, कभी आकाश की तरफ मुँह नहीं किया
तुम्हारे प्रेम में कल सारे तारे गिन लिए


***
ना कभि ज्यू उदास ह्वे, न कभि आख्युं आंसू अये
ब्याळि दण-मण रोयों मैं, तुमारी माया मा
तुमारी माया मा, तुमारी माया मा

न कभी मन उदास हुआ, न कभी आँखों में आंसू आये
तुम्हारे प्रेम में कल मैं बहुत रोयी


***
रूखि जिकुड़ि हैरि नि ह्वे, मेमु कभि बसंत नि अये
आज फूल सी खिल्यूं छों, तुमारी माया मा

सूखा दिल कभी हरा नहीं हुआ, कभी प्रेमरुपी बसंत मेरे पास नहीं आया
तुम्हारे प्रेम में आज एक फूल की तरह खिली हुयीं हूँ


***
सुपन्या आंख्यों मां नि छा, राति निंद नि औंदी छै
ब्यालि फसोरि सेयों मैं, तुमारी माया मा
तुमारी माया मा, तुमारी माया मा

आँखों में सपने नहीं थे, रातों में नींद नहीं आती थी
तुम्हारे प्रेम में कल बेफिक्र होके सोया रहा


शब्दार्थ

गढ़वाली    -   हिंदी

रूआं - रुई   
फुळ्ये ग्यों - फ़ैल गया/गयी हूँ
माया - प्रेम
छारू - राख
माटू - मिटटी
छोळ्ये ग्यों - घुल गया/गयी हूँ 
रूड़्या - गर्मियों की
गाड - नदी
खाळ - तालाब
सदानि - हमेशा
रीति - खाली
भाण्डि - बर्तन
भोर्ये ग्यों - भर गयी
छोड़ा-छंछड़ा - झरने
छक्वे - जी भर के
छपतोले ग्यौं - भीग गया
टक्क - ध्यान
जूनी - चाँद
अगास - आसमान
ब्याळि - बीता हुआ कल
गैणा - तारे
गीणि - गिन लिए
ज्यू - मन
रूखि - सूखी
जिकुड़ि - दिल
हैरि - हरा
खिल्यूं छों - खिल हुयी हूँ
सुपन्या - सपने
फसोरि - बेफिक्र होके
सेयों - सोया हुआ


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