स्याळि रामदेइ - लिरिक्स
इस गीत में घसेरी (घास काटने वाली महिला) और वन संरक्षक जो की रिश्ते में उसके जीजा भी लगते हैं का संवाद है... घसेरी वन अधिकृत क्षेत्र में बांज के पेड़ पर चढ़कर बांज काट रही होती है... इतने में वन रक्षक पहुँच जाता है और उसे बांज काटने से रोकता है फिर महिला आप बीती सुनाती है... जिसका की फारेस्ट गार्ड भी अपनी ड्यूटी के हिसाब से जवाब देता है... और अंत में घसियारी के बात से कनवेंस होकर उसका चालान नहीं काटता है.
सर सर ले सर
झपन्याळु च बाँज, बाँज मा मौळ्यार
लैंदि मेरी गौड़ी,भैंसि च बेवणीं मेरी सर
सर सर ले सर
(झपन्याळु = खिला हुआ, बांज=पेड़ का नाम, लेंदी=दूध देने वाली, बेवणी=जिसका बच्चे होने को हो)
----- (1)
देबला बजे भाणू बल देबला बजे भाणू
सर भेना पतरोळ
घास गडोळि बाँधि जनी, तनी तेरो भि आणू सर भेना पतरोळ
तनी तेरो भि आणू सेमन्या भेना पतरोळ
(देबला=देवालय, मंदिर, भाणु=लकड़ी से बजने वाली घंटी, भेना=जीजा, पतरोल=वन रक्षक, गडोली=गठरी)
थमाळी कि नोकी बल थमाळी कि नोकी
सर स्याळि रामदेइ
यखी तेरो बण स्याळी,यखी मेरि भि चौकी
सर स्याळि रामदेइ
(थमाली=घास,लडकी काटने का हथियार, स्याली=साली, रामदेई=नाम, बण=जंगल, यखी=यहीं)
----- (2)
गंजेळी को गाँज बल गंजेळी को गाँज
सर स्याळि रामदेइ
सरकरी जंगळ स्याळी, क्यो कटी तिन बाँज
सर स्याळि रामदेइ
(गन्जेली=धान कूटने के लिए लकड़ी का डंडा, गांज=गन्जेली के अगले सिरे पर लगा लोहे की रिंग)
दरजी कि कैंची बल दरजी कि कैंची
सर भेना पतरोळ
बाँज तेरो फिर मौळि जालो मेरि भूखि छिन भैंसी
सर भेना पतरोळ
(मौली जालो=उग जायेगा)
---- (3)
कफू बासि चैत बल कफू बासि चैत
सर भेना पतरोळ
जख तेरी आणि-जाणी तखी मेरो मैत
सर भेना पतरोळ
(कफू=पक्षी का नाम, चैत=चैत्र महिना, आणि-जाणी=आना जाना, मैत=मायका,)
ग्योंऊं बूत्यां जौऊ बल ग्योंऊं बूत्यां जौऊ
सर स्याळि रामदेइ
जाण पछ्याण तब लगैई ज्यूड़ि दाथि उंद/यख लौऊ
सर स्याळि रामदेइ
(ग्योंऊ=गेंहू, जाण पछ्याण=जान पहचान, ज्युड़ी दाथी= रस्सी और दरांती, उन्द/यख=इधर)
---- (4)
कपड़ों कि नाप बल कपड़ों कि नाप
सर स्याळि रामदेइ
उदास नि होणु स्याळी जा जुर्मानु माफ
सर स्याळि रामदेइ
छाळु छाणी पाणी बल छाळु छाणी पाणी
सर भेना पतरोळ
भैंसि ब्येई जालि मेरी घ्यूऊ द्यौलु माणी
सर भेना पतरोळ
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