काल (Tense)
काल के बारे में आपने हिंदी व्याकरण में जरुर पढ़ा होगा... गढ़वाली बोलचाल में काल का किस प्रकार से प्रयोग होता है वो हम इस Lesson में सीखने वाले हैं....काल के तीन भेद होते हैं
1. वर्तमान काल (present tense) :
क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल के समय का बोध होता है
क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल के समय का बोध होता है
2. भूत काल (past tense) :
क्रिया के जिस रूप से भूतकाल में हुए कार्य के समय का बोध होता है
3. भविष्य काल (future tense) :
क्रिया के जिस रूप से भविष्य में होने वाली क्रिया के समय का बोध होता है
अब हम सीखते हैं गढ़वाली बोलचाल में किस प्रकार से प्रयोग होता है
1.1 सामान्य वर्तमान काल (present indefinite tense)
हिंदी में जिन वाक्यों के अंत में ता है, ती है, ते हैं, ता हूँ, ती हूँ आदि आते हैं उसे सामन्य वर्तमान काल कहते हैं...
गढ़वाली बोलचाल में निम्न प्रकार प्रयोग करेंगे...
ता = दु , ती = दि , ते = दा
* उत्तम पुरुष (वक्ता) एकवचन के साथ ‘ती = दु’
उदहारण:
जाता जांदु
जाती जांदि
जाते जांदा
(क्रिया के शब्दों का गढ़वाली अनुवाद पढने के लिए यहाँ क्लिक करें)
आइये कुछ वाक्य बनाते हैं...
मैं जाता / ती हूँ = मैं जांदु छूं
हम जाते हैं = हम जांदा छिन
तुम जाते हो = तुम जांदा छिन
वह (विकास) जाता है = सु (विकास) जांदु चि
वह (पूजा) जाती है = स्या (पूजा) जांदि चि
वे जाते हैं = सि जांदा छिन
(मैं, हम तुम, वह, है, हैं आदि के गढ़वाली अनुवाद के लिए यहाँ क्लिक करें)
1.2 अपूर्ण वर्तमान काल (present continuous tense)
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1.3 पूर्ण वर्तमान काल (present perfect tense)
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1.4 (present perfect continuous tense)
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