Ravela Rudiyu Ka Lyrics - Narendra Singh Negi
रवेळा रुड्यों का बिसेला घाम छन स्याळी
बैठी रां भोल बिनसिरि मा जैई ठण्डु मठु
गर्मियों की बहुत तेज धुप है स्याली
ठहर जाओ कल सुबह चले जाना आराम से
भोल भोल कै दिन बंडी वे गेन
जाण दे छोड़ जै ल्योलु भीना मठु मठु
कल कल करते हुए दिन काफी हो गये हैं
जाने दो मुझे चले जाउंगी आराम से
***
बाटों का ताता ढुंगो मा डामेली हथि खूटी, हथि खूटी
चड़चड़ा घामों मा गाती फुकेलि गुंदीक्यालि
घामझोल मा मुखिड़ी पितमोरेली स्याळी
रास्ते के गर्म पत्थरों से हाथ पैर जल जायेंगे गर्मी से
तेज धुप में कोमल बदन झुलस जायेगा
धुप के तेज से चेहरा झुलस जायेगा स्याली
बैठी रां भोल बिनसिरि मा जैई ठण्डु मठु
जाण दे छोड़ जै ल्योलु भीना मठु मठु
ठहर जाओ कल सुबह चले जाना आराम से
जाने दो मुझे चले जाउंगी आराम से
***
पैटीगे होला इस्कुल्या भै-बैणा स्कूल, स्कूल
गौर चरालु रुसेई पकालू कु ल्यालु पाणी
माजी मेरी दुख्यारी क्या जी कारली
भाई बहन चले गये होंगे
गाय चराउंगी रसोई पकाऊगी कौन लायेगा पानी
माँ मेरी दुखियारी अकेले क्क्याया करेगी
जाण दे फूक जै ल्योलु भीना मठु मठु
बैठी रां भोल बिनसिरि मा जैई ठण्डु मठु
जाने दो मुझे चले जाउंगी आराम से
ठहर जाओ कल सुबह चले जाना आराम से
***
रैज्या स्याळी आज बासा मेरी माँज्यूल कुड़ी, माँज्यूल कुड़ी
बखिरयों का गोट भैंस्यूं का खरक रिंगदा घट
दीदी तेरी निर्मोही रैयी छट छोड़ी गे
ठहर जाओ स्याली मेरी बीच की मकान में
यहाँ बकरियों के गोट, भेंस के खरक और घूमते हुए घट है
दीदी तेरी निर्मोही रही छोड़कर चली गयी
बैठी रां भोल बिनसिरि मा जैई ठण्डु मठु
जाण दे छोड़ जै ल्योलु भीना मठु मठु
ठहर जाओ कल सुबह चले जाना आराम से
जाने दो मुझे चले जाउंगी आराम से
***
राजी ख़ुशी चयेन्द मी औंदी रौलु भीना, म्यारा भीना
तेरा ये रौंतेला मुलका घणा बण छांटा गाँउ
ज्यू नी भरेनी भरेण तेरी छुँयुं मा कभी
सब कुशल मंगल चाहिए मैं आती रहूंगी जीजा जी
तुम्हारे इस सुन्दर मुल्क, जहाँ घने जंगल और छांटे गाँव हैं
मन नहीं भरा और न भरेगा तुम्हारी बातों से कभी
जाण दे फूक जै ल्योलु भीना मठु मठु
बैठी रां भोल बिनसिरि मा जैई ठण्डु मठु
जाने दो मुझे चले जाउंगी आराम से
ठहर जाओ कल सुबह चले जाना आराम से
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